दो वैज्ञानिकों ने अपनी गुप्त रखी हुई खोज का ऐलान किया


Vipeenchandrapal----दो वैज्ञानिकों ने एक ऐसी परमाणविक घटना की खोज का ऐलान किया है, जो इतनी विस्फोटक हो सकती है कि उन्होंने पहले इसे गुप्त रखने का फैसला किया था| खोज से सम्बंधित पेपर विख्यात साइंस जर्नल ‘नेचर’ में पिछले बुधवार को प्रकाशित हुआ है| इसके लेखक इजराईल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के फिजिसिस्ट मारेक कार्लिनर और शिकागो यूनिवर्सिटी के जोनाथन एल रोसनर हैं|

बॉटम क्वार्क कणों के फ्यूजन से हाइड्रोजन बन से आठ गुना ताकतवर घटना हो सकती है

दोनों वैज्ञानिकों ने जिस विस्फोटक घटना की खोज की है उससे भयावह विस्फोट अभी तक इंसान ने नहीं देखा है| उन्होंने दिखाया है कि बॉटम क्वार्क कण सैधांतिक रूप में फ्यूज किये जा सकते हैं और इससे एक भयावह विस्फोट हो सकता है| विस्फोट के साथ ही इनसे बड़े न्यूक्लियर पार्टिकल बनेंगे|क्वार्क छोटे कण हैं जो इकट्ठे होकर परमाणु के भीतर न्यूट्रॉन और प्रोटोन को बनाते हैं| ये छः तरह के होते हैं: अप, डाउन, टॉप, बॉटम, स्ट्रेंज और चार्म| दोनों वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि ऐसे दो बॉटम क्वार्क को फ्यूज करने पर 138 मेगाइलेक्ट्रानवोल्ट की ऊर्जा पैदा होगी जो हाइड्रोजन बम में दो कणों के फ्यूजन से पैदा होने वाली ऊर्जा से आठ गुना ज्यादा है| हाइड्रोजन बम में हाइड्रोजन की न्युक्लियाई में मौजूद डीयूट्रॉन और ट्राईटन को फ्यूज करके हीलियम के नाभिक को जन्म दिया जाता है| ऐसे दो कणों के फ्यूजन में 18 मेगाइलेक्ट्रानवोल्ट की ऊर्जा पैदा होती है| हालांकि दो कणों के जुड़ने का अकेला फ्यूजन रिएक्शन कोई खतरनाक घटना नहीं है| हाइड्रोजन बम की ताकत दरअसल उस चेन रिएक्शन से आती है जो दो दो कणों के फ्यूजन के साथ ही शुरू होता है और जिसमें अरबों कण जुड़ते हैं| बता दें कि हाइड्रोजन की न्युक्लियाई के जुड़कर हीलियम बनने और इस रिएक्शन में भारी एनर्जी पैदा करने की यह रासायनिक क्रिया ही तारों के केंद्र में होती हैं, जिससे वे इतने बड़े पैमाने पर ऊर्जा पैदा कर पाते हैं|

इस खोज का सैन्य उपयोग संभव नहीं

“मैं मानता हूँ कि जब मुझे पहली बार महसूस हुआ कि ऐसा न्यूक्लियर रिएक्शन संभव है, तो मैं खौफजदा हो गया था|’ इस स्टडी के को-ऑथर कार्लिनर ने लाइवसाइंस डॉट कॉम को एक बयान में कहा| लेकिन कार्लिनर और रोसनर ने गणना करके देखा कि बॉटम क्वार्क का ऐसा चेन रिएक्शन मुमकिन नहीं हो सकता| इसके अलावा अपनी खोज को प्रकाशित करने से पहले उन्होंने अपने साथियों से इसके बारे में निजी रूप से चर्चा की और आश्वस्त हुए| ‘अगर एक माइक्रोसेकेंड के लिए भी मुझे मालूम हो जाता कि इसका सैन्य उपयोग संभव है तो मैं इसे प्रकाशित नहीं करता|’ कार्लिनर ने कहा|

क्वार्क पार्टिकल्स का चेन रिएक्शन संभव नहीं

कोई चेन रिएक्शन शुरू करने के लिए न्यक्लियर बम बनांने वाले को इन कणों का एक पूरा भण्डार चाहिए| लेकिन क्वार्क कणों की एक अंदरूनी खासियत की वजह से इनका भंडार इकठ्ठा नहीं किया जा सकता| ये बनने के बाद 1 पिकोसेकेंड के अन्दर ही ख़त्म होकर अप क्वार्क में तब्दील हो जाते हैं जो बहुत कम ऊर्जा वाले होते हैं| हालांकि मीलों लम्बे पार्टिकल एक्सेलरेटर में क्वार्क कणों के अकेले फ्यूजन की एक घटना को अंजाम दिया जा सकता है, लेकिन एक्सेलरेटर में भी इन्हें इतनी बड़ी संख्या में इकठ्ठा नहीं किया जा सकता कि दुनिया के लिए यह कोई खतरा बन सके| इसके बावजूद यह खोज रोमांचक है|

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