नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (नरेन्द्र मोदी ) का जीवन परिचय / Narendra damodardas Modi ka jeevan parichay

Vipeenchandrapal_______

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (नरेन्द्र मोदी  )

जन्म– 17 सितम्बर 1950
स्थान -वड़नगर,गुजरात
राष्ट्रीयता-भारतीय
राजनितिक दल-भारतीय जनता पार्टी (BJP)
उपलब्धि-गुजरात के मुख्य मंत्री (2001 से 2014 तक लगातार 4 बार ) , भारत के प्रधान मंत्री (26 मई 2014 से वर्तमान)

नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi )---
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर मेहशाना जिले के एक गरीब परिवार में हुआ था ।उनके पिता का नाम दामोदर मूलचंद मोदी  और माता का नाम हीराबेन मोदी है ।वे 4 भाई सोमा मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकज मोदी और एक स्वयं नरेन्द्र मोदी और 2 बहन अमरुत व बसंती हैं । 
      मोदी जी की प्रारंभिक शिक्षा वडनगर,गुजरात से हुयी, जहाँ उन्होंने 1967 में अपना high school pass किया ,उन्होंने Delhi university distance-education लेकर राजनीती विज्ञानं में  degree प्राप्त की और उसके बाद 1978 में गुजरात university से political science में  Master of Arts की degree प्राप्त की ।
            बचपन में वे अपने पिता के साथ railway station पर चाय का स्टाल लगाते थे और आज वे गैर राजनैतिक परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद भी भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री हैं ।तो आइये जानते हैं नरेंद्र मोदी के बढ़ते कदमो के समयानुसार चाय की दुकान से प्रधान मंत्री तक का सफ़र ।

नरेन्द्र मोदी का बचपन |
Childgood of Narendra Modi ----
17 सितम्बर 1950 को श्री दामोदर मूलचंद मोदी और श्रीमती हीराबेन मोदी दम्पति के घर में जन्मे नरेन्द्र मोदी जी का जन्म वडनगर मेहशाना,गुजरात में हुआ।उनकी शुरवाती पढाई वडनगर में ही हुई,नरेन्द्र मोदी बताते हैं की भले ही वे अपनी कक्षा में अव्वल ना आये हो मगर पढने का उन्हें बहुत शौक था,जबकि उनके Classmate और teacher बताते हैं कि  वे एक अच्छे वक्ता(Excellent speaker) भी थे, और अपनी बात को दमदारी से पेश करने का हुनर उनमे बचपन से ही भरा हुआ था।सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी अपने school में होने वाले कार्यक्रम में भी बढ़ चदकर हिस्सा लेते थे, और इसी बात पर उनके अध्यापक उनसे बहुत खुश भी रहते थे ।
school की छुट्टि होने के बाद वे अपने पिताजी के साथ चाय के स्टाल में लग जाते थे और पिताजी के काम काज को सरल करने में अपना हाथ बताया करते थे और इसके अलावा उनको जब भी उनको टाइम मिलता वे library में चले जाते थे ।नरेन्द्र मोदी नरेन्द्र मोदी बचपन से बहुत साहसी (brave) बालक थे उन्होंने एक Interview में बताया की जब वे एक छोटी सी झील में नहा रहे थे तो वे एक मगरमच्छ को पकड़ कर घर ले आये थे।
               मोदी  के अंदर देश प्रेम की भावना (Patriotism) बचपन से ही भरी हुयी थी जो उन्होंने आज साबित भी कर दिया है । मोदी ने  8 साल की उम्र में ही यानी साल 1972 में ही R.S.S.(रास्ट्रीय स्वयं सेवक ) संघ join कर लिया था।और जब भारत चीन युद्ध(1962) और ,भारत पाक युद्ध(1965) हुआ तब वे जवानों (soldiers) के लिए ट्रेन्स में चाय और खाना ले  जाते थे और इनको देख कर मोदी जी  के अंदर का देश भक्ति और जाग गयी ।
         नरेन्द्र मोदीजब 13 साल के थे तो उनका विवाह  स्थानीय लड़की जशोदाबेन के साथ कर दिया गया मगर उन्हें बचपन से ही शादी विवाह में कोई रूचि नहीं थी इसलिए उस वक़्त उन्होंने उस विवाह को अस्वीकार कर दिया बाद में जसोदाबेन को गौना कर घर वापस लाया गया था। फिर उम्र बढ़ते बढ़ते उनकी आध्यत्म में भी रूचि जागी और वे  library में  स्वामी विवेकानंद जी की किताबो का गहराई से अध्ययन करते थे जिनका उनके जीवन पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने संस्यासी जीवन जीने की ठान ले थी और 17 साल की उम्र में वे घर से अध्यात्म (Spirituality)की खोज में निकल गए  की और निकल पड़े ।अब जानते हैं उनका संस्यासी जीवन ।
             नरेन्द्र मोदी पर स्वामी विवेकानंद की बातो का इतना असर हुआ था की उन्होंने 1970 में  घर-बार छोड़कर हिमालय की तरफ सन्यासी बनने के मकसद से रुख किया ,और इस दौरान उन्होंने बहुत से धार्मिक जगहों जैसे -उत्तराखंड में ऋषीकेश, बंगाल में रामकृष्ण आश्रम और पूर्वोत्तर भारत की कई जगहों का भ्रमण भी किया। जिस से उनको  अध्यात्म, जीवन,और राष्ट्र भक्ति (Serving the Nation) को और गहराई से जानने का मौका मिला। इन दो सालो के भ्रमण में मोदी जीवन का मतलब और देश भक्ति से अच्छी तरह रूबरू हो चुके थे। जिस से उन्होंने सन्यासी जीवन की इच्छा को देश भक्त के जीवन में बदल लिया और वे 2 साल बाद ही घर लौट आये। घर पर वे सिर्फ 2 हफ्ते रुके और फिर अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। जहाँ उन्होंने R.S.Sफिर से ज्वाइन किया और यहाँ से शुरू हुआ देश की सेवा का सफर।
      जब नरेंद्र मोदी 1972 में घर लौटे तो वे घर पर सिर्फ दो हफ्ते के लिए रुके और तुरंत अहमदाबाद जा कर R.S.S (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ) Join कर लिया । अब यहाँ मोदी की दिनचर्या ब्यस्त तो थी पर इस व्यस्तता में भी उन्होंने पढाई को जारी रखा। मगर जब में इंदिरा गाँधी के शाशनकाल 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो तत्कालीन जनसंघ पर भी संघ के साथ प्रतिबंध लगा दिया गया था मगर मोदी संघ के बंद होने के बावजूद भी देश की सेवा करते रहते थे, सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया करते थे।
               आपातकाल हटने के बाद जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ और केन्द्र में मोरारजी देसाई के प्रधानमन्त्रित्व में मिलीजुली सरकार बनी। 1975 के बाद से धीरे-धीरे इस संगठन का राजनीतिक महत्व बढ़ता गया और इसकी परिणति भाजपा जैसे राजनीतिक दल के रूप में हुई जिसे आमतौर पर संघ की राजनीतिक शाखा के रूप में देखा जाता है।और में नरेंद्र मोदी के इस योगदान को और देश के प्रति समर्पण को देखकर उनको B.J.P  (भारतीय जनता पार्टी ) में शामिल कर लिया गया ।

अब यहाँ से शुरू हुआ उनका राजनैतिक जीवन।

नरेन्द्र मोदी ने 1990 में आडवाणी की भव्य रथ यात्रा का आयोजन कुशलता पूर्वक किया और इसी तरह उन्होंने बाद में मुरली मनोहर जोशी जी की भव्य यात्रा का आयोजन सफलतापूर्वक करवाया जिस से बीजेपी उनसे बहुत प्रभावित हुयी और उनको बीजेपी में शामिल कर के उनको केन्द्रीय मन्त्री का दायित्व सौंपा गया। अपने इस कार्यभार को नरेंद्र मोदी ने बखूबी निभाया और इसी कार्य को देखते हुए उनको 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) की पदोन्नति दी गयी। उन्होंने इस पद पर 2001 तक कार्य किया।
2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की सेहत बिगड़ने लगी और 2001 में गुजरात में जो भूकम आया उस वक़्त पटेल लोगो को सही से राहत नहीं पंहुचा पाए और गुजरात की जनता गुजरात सरकार से नाखुश हो गयी।धीरे धीरे  गुजरात में बीजेपी की हालात भी बिगड़ती गयी।😂😂😂
       अंततः 2001 में बीजेपी ने केशुभाई को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और 3 अक्टूबर 2001 को  नरेन्द्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी। नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री पद बार सराहनीय काम किया और गुजरात को चौमुखी विकास किया ,जिसका परिणाम यह हुआ की गुजरात की जनता ने Narendra Modi को लगातार चार बार गुजरात का मुख्यमंत्री चुन लिया और उन्हें भारत के सबसे अच्छे मुख्यमंत्रियों की सूचि में शामिल करवा दिया। फिर 13 सितम्बर 2013 को हुई भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक (Meeting of parliamentary board) में नरेंद्र मोदी को 2014 के प्रधान मंत्री  पद के उम्मीदवार के लिए घोषित कर दिया गया। और जोरो शोरो से चुनाव प्रचार होने लग गए।
              अब एक तो नरेन्द्र मोदीने लगातार चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनकर अपनी ख्याति पुरे देश में बना ली थी और साथ ही उनके भाषण इतने आकर्षक होते थे कि 2014 में चुनाव के पहले ही कुछ लोगो ने उन्हें प्रधानमंत्री मान लिया था।और आखिरकार जिस मंजिल के लिए मोदी ने अपना कारवां शुरू किया था वो  मंजिल उनको हासिल हो ही गयी।
नतीजा यह हुआ कि चुनाव परिणाम में उन्होंने 280 सीटें जीतकर एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक जीत  हासिल की। और 16 मई 2014 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें प्रधान मंत्री पद की शपथ दिलाई। और उन्होंने संसद में प्रवेश करने से पहले संसद में नतमस्तक होकर भारत के 15वे प्रधानमंत्री का पद भार संभाला। 🙏🙏
               नरेंद्र मोदी जी खुद को देश का सबसे प्रधान सेवक कहकर पुकारते हैं जो उनके देश प्रेम और देश वासियो के प्रति प्रेम को दर्शाता है। प्रधान मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने देश के हित के लिए बहुत सारी योजनाए लागू की हैं और नोटबंदी जैसे बड़े फैशले लिए जो जो आसान काम नहीं था आप खुद सोच सकते हैं की नोटबंदी की ऐसी हालात में 121 करोड़ लोगो को संभालना कितना मुश्किल था मगर कुछ दिन परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन धीरे धीरे सब हालात सामान्य हो गए। और देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा इस बात का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब नोटबंदी का फैसला लिया तब $1= 68 रुपये के बराबर था और आज $1 = 63 रुपये के बराबर है यानी हमारा देश प्रगति के पथ बार अग्रसर हो रहा है ।

Thanks for Reading.........

By Vipeenchandrapal

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Comments

  1. बहुत बढ़िया , गर्व है हमें की ऐसे प्रधानमंत्रु का शासनकाल देखने को मिला।

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  2. बहुत ही अच्छा पोस्ट है ये पढ़ कर अच्छा लगा यदि आप Narendra Modi Biography in Hindi. में पढ़ सकते है यँहा पर अनटोल्ड स्टोरी दर्शाया गया है.

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